आयुर्वेदिक दवा कैसे काम करती है?

आयुर्वेद में, संपूर्ण स्वास्थ्य को "शरीर, मन, आत्मा और सामाजिक रूप से संतुलित जीवन” के रूप में परिभाषित किया गया है। वास्तव में, सभी आयुर्वेदिक ग्रंथों, विचारों और सिद्धांतों में संतुलन और जुड़ाव की दो अवधारणाएं गूँजती हुई प्रतीत होती हैं।

सभी समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों की तरह, आयुर्वेद शरीर, मन और आत्मा के बीच अपरिवर्तनीय संबंधों पर जोर देता है। हालांकि, आयुर्वेद में व्यक्ति की जुड़ाव या संबद्धता की अवधारणा व्यक्तिगत न होकर सार्वभौमिक मानी जाती है।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि आयुर्वेदिक दवाएं पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस  वाले लोगों में दर्द को कम कर सकती है और उनके चलने फिरने की क्षमता में वृद्धि कर सकती है। टाइप 2 मधुमेह  वाले लोगों में लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। हालाँकि, इनमें से अधिकांश अध्ययन बहुत छोटे स्तर पर हुए हैं। आयुर्वेद के असर पर बहुत कम आधुनिक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध हैं।