आयुर्वेद का इतिहास

आयुर्वेदिक चिकित्सा का एक समृद्ध इतिहास रहा है। यह भारत की पारंपरिक चिकित्सा और दुनिया में स्वास्थ्य सेवा की सबसे पुरानी प्रणाली है।

यह एक निवारक और उपचारात्मक दोनों प्रकार की विधियों से युक्त प्रणाली है जिसका प्रयोग 5000 वर्षों से भी अधिक समय से किया जा रहा है। मूल रूप से आयुर्वेद का ज्ञान याद रख कर पीढ़ी दर पीढ़ी एक परंपरा के रूप में साझा किया जाता रहा। आयुर्वेद को संस्कृत में 5,000 साल पहले वेद नामक पवित्र ग्रंथों में दर्ज किया गया था।

आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व से उपलब्ध आयुर्वेदिक चिकित्सा की पुस्तकें, न केवल विस्तृत प्रक्रियात्मक निर्देश प्रदान करती हैं, बल्कि यह भी बताती हैं कि समय के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सा कैसे विकसित हुई। आयुर्वेद के बारे में वर्तमान ज्ञान मुख्य रूप से “बृहत् त्रयी” नामक तीन महान ग्रंथों पर आधारित है, जिनमें “चरक संहिता”, “सुश्रुत संहिता” और “अष्टांग हृदय” शामिल हैं। इन पुस्तकों में उन मूल सिद्धांतों और नियमों का वर्णन किया गया है जिनसे आधुनिक आयुर्वेद विकसित हुआ है।