Saraswati Vedic - Vidhyapeetham

(Bhartiya ved gyan vigyan sanskriti or parmpara ka ek vishisth shikshanushathan)

बड़ा दुर्भाग्य का विश्व है की हमारा गौरवमय भारतवर्ष बड़ी तेजी से India के ओर चला जा रहा है। फलत: विश्व का सबसे प्राचीन ज्ञान, विज्ञान, साहित्य और भाषा के साथ सनातन हिंदू धर्म भी संकुचित हो रहा है|  इसकी सुरक्षा और संवर्धन करना हमारे लिए, राष्ट्र के लिए और धर्म के लिए भी बहुत जरूरी है|  इसके मध्य नजर श्री जगन्नाथ पुरी में 1971 को संस्कृत भाषा का सुरक्षा और प्रचार के लिए लोक भाषा प्रचार समिति की स्थापना हुई|  विगत 42 वर्षों में सारे देश और विदेश में लोकभाषा प्रचार समिति: एक अतयंत आदरनिया संस्था के रूप में परिचित हो गया है|

तथैव भारतीय  ज्ञान  का  आधार  है  वेद।  अतः वैदिक  विद्या  का  संरक्षण,  संशोधन  और प्रकाशन  के  लिए  पूरी  में 14.  04. 1914 को  सरस्वती   शोध  संसथान  की  स्थापना  हुई,  20.12.1917 को  भद्रक  में  विधिबद्ध  पंजीकरण  हुआ  और 3.53 एकड़  भूखंड  में  सरस्वती  विहार  स्थापना  किया  गया |  यहाँ  भारत  का अद्वित्तीय  तालपत्र  पोथियों  का  संरक्षण  केंद्र,  संस्कृत   प्रशिक्षण  केंद्र,  सरस्वती  विद्याविहार,  श्री जगन्नाथमंदिर  स्थापित  हुआ है| दुःख  की  बात है की अभी  तक  हमको  कोई  सरकारी  सहायता  नहीं  मिली  है|