भगवान राम चार भाई ही क्यो थे? 3 या फिर 5 क्यो नहीं

हिन्दू धर्म मे जो भी होता हैं, उसके पीछे वैज्ञानिक एवं तार्किक कारण जरूर होता हैं, हिन्दू धर्म मे कुछ भी ऐसे ही नहीं हो जाता हैं, इसलिए जब राम भगवान अवतरित हुये तो उसमे भी संदेश थे, जैसे की भगवान राम चार भाई थे, जबकि माता तीन थी। हिन्दू धर्म मे पुरुषार्थ को बहुत महत्व दिया जाता हैं, और भगवान राम का जन्म मर्यादा पुरुषोतम का था, इस जन्म मे भगवान राम एक सामान्य मनुष्य की भाति अवतरित हुये थे। हिन्दू धर्म मे चार प्रकार के पुरुषार्थ होते हैं। भगवान राम और उनके तीनों भाई इन्हीं चार पुरुषार्थ के प्रतीक हैं – धर्म, मोक्ष, काम और अर्थ-

Shree Ram और अन्य भाई पुरुषार्थ के प्रतीक थे

भगवान राम धर्म के प्रतीक थे, और उनका जन्म ही धर्म के रक्षा और धर्म को बचाने के लिए हुआ था, और धर्म को वही बचा सकता हैं, जो खुद धर्म का प्रतीक हो, कभी भी भ्रष्ट आदमी धर्म की रक्षा नहीं कर पाएगा। इसलिए राम भगवान धर्म के प्रतीक के रूप मे जन्म लिए थे, और धर्म अर्थ, मोक्ष और काम के बिना नहीं हो सकता हैं,  इस लिए भगवान राम के साथ मोक्ष के प्रतीक भरत, काम के प्रतीक लक्ष्मण और अर्थ के प्रतीक शत्रुघन का जन्म हुआ था।
भगवान राम धर्म के प्रतीक थे। भरत जी मोक्ष के प्रतीक थे, लक्ष्मण जी काम के प्रतीक थे जबकि शत्रुघन अर्थ यानि की धन-सम्पदा के प्रतीक थे।