सोSस्य दोषो न मन्तव्यः क्षमा हि परमं बलं | ...

सोSस्य दोषो न मन्तव्यः क्षमा हि परमं बलं |

क्षमा गुणो अशक्तानां शक्तानां भूषणं क्षमा ||
- विदुर नीति

भावार्थ -  हमें किसी व्यक्ति में क्षमा करने  की भावना को उसका दोष
नहीं मानना चाहिये क्यों कि क्षमा करना परम् शक्ति का प्रतीक है |
जो व्यक्ति अशक्त (शक्तिहीन ) होते हैं तो यह उनका एक गुण है  तथा
शक्तिशाली व्यक्तियों के लिये उनकी शोभा बढाने के लिये एक आभूषण
के समान है |
(एक अशक्त व्यक्ति यदि क्षमाशील न  हो तो उसे सदैव अन्य व्यक्तियों
से व्यवहार करने में कठिनाई होती है और उसे विनम्र और क्षमाशील हो कर
ही अपना कार्य सिद्ध करना पडता है |  इसके विपरीत एक शक्तिशाली व्यक्ति
यदि किसी त्रुटि को क्षमा करता है तो यह उसकी महानता कहलाती  है )