भरत जी ने खड़ाऊँन रख कर ही शासन क्यो किया?

क्योंकि मोक्ष प्राप्त करने लिए अंतर मन की यात्रा और त्याग का होना जरूरी होता हैं, और अंतर मन की यात्रा करने के लिए प्रतीक की आवश्यकता होती हैं, तथा धर्म के अधीन व्यक्ति त्याग का भाव रखता हैं,  भगवान राम भरत के ज्येष्ठ थे, इसलिए भरत भगवान राम के अधीन यानि धर्म के अधीन थे। अन्तर्मन और त्याग के लिए प्रतीक होना अनिवार्य हैं। इसलिए भरत जी ने धर्म के प्रतीक खड़ाऊँन को अपने साथ रखा और अगर प्रतीक धर्म से संबन्धित हो तो मोक्ष की यात्रा सरल हो जाती हैं।

भगवान लक्ष्मण काम के प्रतीक हैं, अगर काम धर्म से अलग हुआ तो वह मार्ग भटक जाएगा, इसलिए लक्ष्मण जी भगवान राम (shree ram) के साथ वन मे गए, क्योंकि कर्म को सदेव धर्म के साथ होना चाहिए। रावण भी कामी था, पर धर्म उसके साथ नहीं था।

शत्रुघन जी अयोध्या से बाहर क्यो नहीं गए, क्योंकि अर्थ राजधानी से बाहर नहीं जा सकता, जिस राजधानी से अर्थ बाहर चला जाए, वह राजधानी कभी सुरक्षित नहीं रह सकती, हाल ही मे श्रीलंका नामका देश खबरों मे बहुत आ रहा हैं, क्योंकि वह दिवालिया हो चुका है, लोगो के पास खाने को नहीं हैं, वहाँ के नेता देश छोड़ के भाग रहे हैं। ऐसा क्यो हुआ क्योंकि श्रीलंका मे अर्थ बचा ही नहीं हैं।